मधुमेह या डायबिटीज.

 मधुमेह(daibites):

पूरा नाम डायबिटीज मेलेटस (डीएम) ब्‍लड में शुगर का स्‍तर बढ़ने से डायबिटीज हो जाता है.
  
कारण: या तो अग्न्याशय(Pancreatic) पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या शरीर की कोशिकायें 
इंसुलिन को ठीक से जवाब नहीं करती.


अनुमान कैसे लगायें :

मधुमेह के मरीज को थकान और  बार बार प्‍यास लगना। 
तनाव भरा मा‍हौल डायबिटीज रोगी को 
और अधिक बीमार कर सकता है.
डायबिटीज मरीजों के लिए शांत एवं 
स्वच्छ वातावरण होना बहुत जरूरी है.




1.टाइप 1: पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए अग्न्याशय की विफलता का परिणाम है. 
2.टाइप 2: डीएम इंसुलिन प्रतिरोध से शुरू होता है, एक हालत जिसमें कोशिका इंसुलिन को
ठीक से जवाब देने में विफल होती है.
3.टाइप 3: गर्भावधि मधुमेह इसका तीसरा मुख्य रूप है और तब होता है 
जब गर्भवती महिलाओं को उच्च रक्त शर्करा के स्तर का विकास होता है.

भारतीय स्वास्थ्य  संगठन” के अनुसार शहरी जीवन शैली में बदलाव, 
अधिक मसालेदार भोजन, कम व्यायम, बढ़ता तनाव, 
जेनेटिक तथा पर्यावरणीय कारणों से मधुमेह का खतरा 60% तक अधिक बढ़ जाता है .
नोट : सन 2025 तक भारत दुनिया का डायबिटीक के रोगी सबसे अधिक होंगे 
अर्थात डायबिटीक केपीटल हो जाएगा.यानि उस वक्त तक डाइबिटीज के रोगीयों संख्या यहाँ 
लगभग 5.7 करोड़ होगी जो देश के लिए चिंता का विषय है.

निर्देश : अधिक जानकारी के लिए समय समय पर हमारा ब्लॉग देखते रहें ,धन्यवाद.

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