दुनियाँ चीन की चालाकी को भांप चुकी है ,उसके समाजिक, आर्थिक ,बहिष्कार की रूप रेखा भी लिखी जा चुकी है।
अमेरिकी नौसेना के तीन एयरक्राफ्ट कैरियर अपने पूरे बैटल ग्रुप्स के साथ प्रशांत महासागर क्षेत्र में तैनात हैं, जो एक प्रकार से चीन को दी जा रही चेतावनी का परिचायक है।
यूएसएस रूजवेल्ट व् यूएसएस रोनाल्ड रीगन गुआम के निकट फिलीपीन सागर में ऑपरेट कर रहे हैं, और यूएसएस निमित्ज़ यूएस वेस्ट कोस्ट से दूर प्रशांत क्षेत्र में है।
एक ही समय पर एक ही क्षेत्र में अमेरिका के तीन एयरक्राफ्ट कैरियर बैटल ग्रुप्स की उपस्थिति असमान्य घटना है, जिसके कई बड़े अर्थ निकाले जा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त ब्रिटेन द्वारा चीन के विरुद्ध आंखे तरेरकर उसके बिज़नेज़ इंटरेस्ट को टारगेट करना और फिर चीन द्वारा ब्रिटेन को दी जा रही धमकी भी बहुत कुछ कह रही है।
फिलीपींस द्वारा चीन के विरुद्ध उसके फिशिंग इंटरेस्ट को टारगेट करने पर अनअपेक्षित कड़ी प्रतिक्रिया देना भी अब तक नहीं देखा गया था।
⭕ म्यांमार द्वारा अब अपने देश मे चीनी रेलवे प्रोजेक्ट से हटने के संकेत देना भी चीन के लिए एक सेटबैक है।
⭕ जापान और शिंजो आबे द्वारा हाल ही में दिये चीन विरोधी वक्तव्यों के बाद अब जिनपिंग की बहुअपेक्षित व् महत्वपूर्ण जापान यात्रा भी स्थगित होती दिख रही है।
⭕ जापान द्वारा अब अपने मिलिट्री बेसेज़ पर PAC-3 MSE इंटरसेप्टर डिप्लॉय करना भी चीन के प्रति बढ़ती आक्रमकता का ही सूचक है।
⭕ भारत द्वारा अब अपनी चीन से लगने वाली LAC की सीमाओं पर भी हैवी आर्टिलरी, मिसाइल बैटरीज़, APC , टैंक व् अन्य युद्ध उपकरण व् हथियार भारी मात्रा में तथा अपने तैनात सैनिकों की संख्या सामान्य से अधिक बढ़ाना भी चीन के प्रति बदले एटिट्यूड को ही दर्शा रहा है।
आनेवाला समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के हितों के अनुकूल तो नही दिख रहा,जिसकी बोखलाहट LAC पे साफ दिख रही है।




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