आँवले का रस या जूस बनाने की विधि.

1. आँवला:

एक छोटे आकार और हरे रंग का फल है.इसका स्वाद खट्टा होता है.आयुर्वेद में इसके उत्तम स्वास्थ्यवर्धक माना गया है.आँवला विटामिन'सी' का सर्वोत्तम और प्राकृतिक स्रोत है. इसमें विद्यमान विटामिन 'सी' नष्ट नहीं होता.यह भारी, रुखा, शीत,अम्ल रस प्रधान, लवण रस छोड़कर शेष पाँचों रस वाला,विपाक में मधुर, रक्तपित्त व प्रमेह को हरने वाला,अत्यधिक धातुवर्द्धक और रसायन है.
हिन्दू मान्यता में आँवले के फल के साथ आँवले का पेड़ भी पूजनीय है.माना जाता है कि आँवले का फल भगवान विष्णु को बहुत पसंद है,इसीलिए अगर आँवले के पेड़ के नीचे भोजन पका कर खाया जाये तो सारे रोग दूर हो जाते हैं.
Image result for aawla

2. जूसर की मदद से जूस निकलने की विधि:-

अच्छे दागरहित आँवला 1 किलो लें या आप जितना चाहे ले सकते हैं.आँवला को अच्छे से धो लें.बीज से गुदे को काट के अलग कर लें ,फिर सब गुदे को जूसर में डाल के गूदे का जूस निकाल लें और आँवले के रस को किसी जार या बोतलमें भर के फ्रीज़ में रख दे. आँवला रस एक महीने तक फ्रीज़ में सुरक्षित रह सकता हैं. एक किलो आँवला में लगभग 600 मिली लीटिर जूस निकल जाता हैं.

3. बिना जूसर के जूस या रस बनाना:-

जिनके पास जूसर नहीं हैं वो मिक्सर में भी पिस के जूस या रस निकल सकते हैं.पहले अच्छे आँवला को लें.उन आँवला को पानी से अच्छे से धो लें और गुदे को काट लें ,और आँवला के बिज को अलग कर दें.ऐसा सबके साथ करें.फिर उस गुदेको मिक्सर के जार में डाल के थोडा पानी मिलाकर पीस लें और एक बर्तन में एकत्रित कर लें ,एक छन्ना लें और छन्ने के नीचे एक बर्तन रखे और पीसा हुआ मिश्रण छन्ने में डाले और उसको दबा के उसका रस छान ले.फिर आँवला के रस कोकिसी बोतल या जार में डाल के फ्रीज़ में रख ले.

4. कितनी मात्र में जूस लें -:

आंवले के जूस की 10 से 20 मिलीलीटर मात्रा पानी की बराबर मात्रा के साथ दिन में दो बार लें.सामान्यतया,25 मिलीलीटर मात्रा लेने की सलाह दी गयी है.सुबह सुबह आँवले का रस सेहत के लिए वरदान हैं.

****यदि स्वास्थ्य में कोई परेशानी हैं तो विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें.
नोट:आँवले के लाभ के बारे में जानने के लिए अगले हामारे ब्लॉग के आगले पेज पर जाएँ ,धन्यवाद.   

Comments